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मार्च, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Hanuman Jayanti 2018

हनुमान जयंती अमृतयोग में मनेगी पवनपुत्र हनुमान का जन्मोत्सव इस  बार अमृतयोग में मनाया जाएगा। शुक्रवार 6 अप्रैल को हस्त नक्षत्र होने से यह योग निर्मित हो रहा है। मारुतिनंदन को चोला चढ़ाने से जहां सकारात्मक ऊर्जा मिलती है वहीं बाधाओं से मुक्ति भी मिलती है। हनुमानजी को भक्ति और शक्ति का बेजोड़ संगम बताया गया है। पंडितों और ज्योतिषियों के अनुसार चैत्र माह की पूर्णिमा पर भगवान राम की सेवा के उद्देश्य से भगवान शंकर के ग्यारहवें रुद्र ने अंजना के घर हनुमान के रूप में जन्म लिया था। पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए शनि को शांत करना चाहिए। जब हनुमानजी ने शनिदेव का घमंड तोड़ा था तब सूर्यपुत्र शनिदेव ने हनुमानजी को वचन दिया है कि उनकी भक्ति करने वालों की राशि पर आकर भी वे कभी उन्हें पीड़ा नहीं देंगे। कन्या, तुला, वृश्चिक और अढैया शनि वाले तथा कर्क, मीन राशि के जातकों को हनुमान जयंती पर विशेष आराधना करनी चाहिए। अष्टचिरंजीवी में शुमार : उज्जैन के ज्योतिषी आनंदशंकर व्यास कहते हैं कि हनुमानजी का शुमार अष्टचिरंजीवी में किया जाता है, यानी व

Hanuman Jayanti 2018

हनुमान जयंती अमृतयोग में मनेगी पवनपुत्र हनुमान का जन्मोत्सव इस  बार अमृतयोग में मनाया जाएगा। शुक्रवार 6 अप्रैल को हस्त नक्षत्र होने से यह योग निर्मित हो रहा है। मारुतिनंदन को चोला चढ़ाने से जहां सकारात्मक ऊर्जा मिलती है वहीं बाधाओं से मुक्ति भी मिलती है। हनुमानजी को भक्ति और शक्ति का बेजोड़ संगम बताया गया है। पंडितों और ज्योतिषियों के अनुसार चैत्र माह की पूर्णिमा पर भगवान राम की सेवा के उद्देश्य से भगवान शंकर के ग्यारहवें रुद्र ने अंजना के घर हनुमान के रूप में जन्म लिया था। पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए शनि को शांत करना चाहिए। जब हनुमानजी ने शनिदेव का घमंड तोड़ा था तब सूर्यपुत्र शनिदेव ने हनुमानजी को वचन दिया है कि उनकी भक्ति करने वालों की राशि पर आकर भी वे कभी उन्हें पीड़ा नहीं देंगे। कन्या, तुला, वृश्चिक और अढैया शनि वाले तथा कर्क, मीन राशि के जातकों को हनुमान जयंती पर विशेष आराधना करनी चाहिए। अष्टचिरंजीवी में शुमार : उज्जैन के ज्योतिषी आनंदशंकर व्यास कहते हैं कि हनुमानजी का शुमार अष्टचिरंजीवी में किया जाता है, यानी वे अजर-

Mandir mein ऐसी महिलाओं की एंट्री बैन, कोई राज छिपाए तो काट लेती है मधुमक्खी

 Mandir mein  ऐसी महिलाओं की एंट्री बैन, कोई राज छिपाए तो काट लेती है मधुमक्खी तेलांगना राज्य में नाल्लमाला फॉरेस्ट रेंज में स्थित है नेमालिगुंदला रंगनायका मंदिर। इस मंदिर में हजारों श्रद्धालु आते हैं। यहां के लोगों के बीच एक मान्यता है कि जब किसी महिला को मासिक धर्म यानी माहवारी चल रही होती है, तब उसे मधुमक्खी काट लेती है। अगर मंदिर की तरफ जाते हुए किसी महिला को मधुमक्खी काट लेती है तो उसके आस पास मौजूद पुरुष यह समझने लगते हैं कि इस महिला की माहवारी (पीरियड्स) चल रही है और तब वे पुरुष उस महिला पर चीखने-चिल्लाने लगते हैं। माहवारी के दौरान महिलाओं को मंदिर में जाने की अनुमति नहीं दी जाती और यह समझा जाता है कि अगर महिलाएं माहवारी के वक्त मंदिर में जाएंगी तो मंदिर अशुद्ध हो जाएगा। मिथक से जुड़ी कहानी मंदिर के पुराने शास्त्रों को देखने पर ये मिथक से जुड़ी कहानी मालूम पड़ती है। मंदिर के प्रमुख देवता के रूप में विष्णु के अवतार श्री महाविष्णु की पूजा की जाती है। कहानी के अनुसार करीब 1500 साल पहले श्री महाविष्णु की शादी रंगा नाम की एक आदिवासी महिला से हो गई

Akbar Allahabadi Isq

These 20 big lions of precious Ishq and Akbar Allahabadi ...  1713 views   Like With the lion's depth of Akbar Allahabadi, Ishq's meaning is understood by the sense.  Akbar is a special place in Allahabadi in old shires.  Like every shire, Akbar Allahabadi has also made the heart of the world the center of its alphabet.  We are presenting 25 selected lions for our readers, from the poetry Gulshan of Allahabadi.  My heart was not able to find any kind of beauty, I did not find the  bell of God, Eyes do not let  me  slit it with  soles.  Armaan  does not let  my heart go out  in the world I am  not in the  world, I am traveling  through the market,  I am not a buyer. Then you went in two days,   how was this wafa, sir!  In this   furrowed battle, the night of Vasl  -e-Yer  had taken the bosom  all night  , till the dawn  ज़िन्दगी मुमकिन नहीं अब आशिक़-ए-बीमार की छिद गई हैं बरछियाँ दिल में निगाह-ए-यार की  आपसे बेहद मुहब्बत है

Hanuman ji ki vividh Lilaye.....Hanuman ji different activities

हनुमान जी की विविध लीलाएं | Different Activities of Shree Hanuman in Hindi! श्री हनुमान जी अनुपम ब्रह्मचारी, सनातन, चिरंजीवी और श्रीराम की कल्याणकारी कथा श्रवण के सर्वश्रेष्ठ रसिक और गायक हैं । जहां कहीं भी श्रीराम की कथा होती है, वहां वे छद्मरूप में विद्यमान रहते हैं । श्रीराम ने ही परमधाम जाते समय उन्हें चिरंजीवी होने का वरदान दिया था । एक सेवक के रूप में स्वयं भगवान शंकर ने हनुमान जी के रूप में अवतार लिया था । स्वामीभक्ति, त्याग, ज्ञान गरिमा, अहंकार विहीनता और वाणी में अद्‌भुत चातुर्य लिए हुए वे इस धरती पर निवास करते हैं । श्री सीता राम के सान्निध्य में श्री हनुमान जी सदा उनकी सेवा का सुख प्राप्त करते हैं । श्री हनुमान जी महामनस्जी हैं । वे मन, वचन, कर्म से पूर्ण पवित्र और शक्तिशाली हैं । पराक्रम, उत्साह, बुद्धि, प्रताप, विनम्रता, कोमलता, साहस, बल और धैर्य उनके अनुपम गुण हैं । भीमसेन और हनुमान जी : द्वापर युग में हनुमान जी ने पाण्डव पुत्र भीमसेन को अपने रौद्ररूप के दर्शन कराए थे । जिन दिनों पाण्डव वनवास में थे, तब एक बार उत्तराखण्ड के पवित्र नगर श्री नर नारायण में वे पहुंच

Hanuman ji ki vividh Lilaye.. different activities of Hanuman ji

हनुमान जी की विविध लीलाएं | Different Activities of Shree Hanuman in Hindi! श्री हनुमान जी अनुपम ब्रह्मचारी, सनातन, चिरंजीवी और श्रीराम की कल्याणकारी कथा श्रवण के सर्वश्रेष्ठ रसिक और गायक हैं । जहां कहीं भी श्रीराम की कथा होती है, वहां वे छद्मरूप में विद्यमान रहते हैं । श्रीराम ने ही परमधाम जाते समय उन्हें चिरंजीवी होने का वरदान दिया था । एक सेवक के रूप में स्वयं भगवान शंकर ने हनुमान जी के रूप में अवतार लिया था । स्वामीभक्ति, त्याग, ज्ञान गरिमा, अहंकार विहीनता और वाणी में अद्‌भुत चातुर्य लिए हुए वे इस धरती पर निवास करते हैं । श्री सीता राम के सान्निध्य में श्री हनुमान जी सदा उनकी सेवा का सुख प्राप्त करते हैं । श्री हनुमान जी महामनस्जी हैं । वे मन, वचन, कर्म से पूर्ण पवित्र और शक्तिशाली हैं । पराक्रम, उत्साह, बुद्धि, प्रताप, विनम्रता, कोमलता, साहस, बल और धैर्य उनके अनुपम गुण हैं । भीमसेन और हनुमान जी : द्वापर युग में हनुमान जी ने पाण्डव पुत्र भीमसेन को अपने रौद्ररूप के दर्शन कराए थे । जिन दिनों पाण्डव वनवास में थे, तब एक बार उत्तराखण्ड के पवित्र नगर श्री नर नारायण में वे पहुंच