सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Hanuman Jayanti 2018

हनुमान जयंती अमृतयोग में मनेगी




पवनपुत्र हनुमान का जन्मोत्सव इस बार अमृतयोग में मनाया जाएगा। शुक्रवार 6 अप्रैल को हस्त नक्षत्र होने से यह योग निर्मित हो रहा है। मारुतिनंदन को चोला चढ़ाने से जहां सकारात्मक ऊर्जा मिलती है वहीं बाधाओं से मुक्ति भी मिलती है। हनुमानजी को भक्ति और शक्ति का बेजोड़ संगम बताया गया है।

पंडितों और ज्योतिषियों के अनुसार चैत्र माह की पूर्णिमा पर भगवान राम की सेवा के उद्देश्य से भगवान शंकर के ग्यारहवें रुद्र ने अंजना के घर हनुमान के रूप में जन्म लिया था।

पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए शनि को शांत करना चाहिए। जब हनुमानजी ने शनिदेव का घमंड तोड़ा था तब सूर्यपुत्र शनिदेव ने हनुमानजी को वचन दिया है कि उनकी भक्ति करने वालों की राशि पर आकर भी वे कभी उन्हें पीड़ा नहीं देंगे। कन्या, तुला, वृश्चिक और अढैया शनि वाले तथा कर्क, मीन राशि के जातकों को हनुमान जयंती पर विशेष आराधना करनी चाहिए।

अष्टचिरंजीवी में शुमार :उज्जैन के ज्योतिषी आनंदशंकर व्यास कहते हैं कि हनुमानजी का शुमार अष्टचिरंजीवी में किया जाता है, यानी वे अजर-अमर देवता हैं। उन्होंने मृत्यु को प्राप्त नहीं किया। ऐसे में अमृतयोग में उनकी जयंती पर पूजन करना ज्यादा फलदायक होगा। बजरंगबली की उपासना करने वाला भक्त कभी पराजित नहीं होता। हनुमानजी का जन्म सूर्योदय के समय बताया गया है इसलिए इसी काल में उनकी पूजा-अर्चना और आरती का विधान है।

शरीर को लाभ :आचार्य श्यामनारायण व्यास के अनुसार हनुमानजी की उपासना व चोला चढ़ाने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। जिन लोगों को शनिदेव की पीड़ा हो उन्हें बजरंग बली को तेल-सिंदूर का चोला अवश्य चढ़ाना चाहिए।

आचार्य धर्मेंद्र शास्त्री का कहना है कि हनुमानजी अपने भक्तों की सच्चे मन से की गई हर तरह की मनोकामना पूरी करते हैं और अनिष्ट करने वाली शक्तियों को परे रखते हैं।

प्रायः शनिवार व मंगलवार हनुमानजी के दिन माने जाते हैं। आध्यात्मिक उन्नति के लिए वाममुखी अर्थात जिसका मुख बाईं तरफ ओर हो हनुमान या दास हनुमान की मूर्ति को पूजा में रखने का रिवाज है। दास हनुमान और वीर हनुमान बजरंग बली के दो रूप बताए गए हैं।

दास हनुमान राम के आगे हाथ जोड़कर खड़े रहते हैं और उनकी पूंछ जमीन पर रहती है जबकि वीर हनुमान योद्धा मुद्रा में होते हैं और उनकी पूंछ उठी रहती है। दाहिना हाथ सिर की ओर मुड़ा हुआ रहता है। कहीं-कहीं उनके पैरों तले राक्षस की मूर्ति भी होती है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Ganpati Bappa quotes ,shayri to share on Facebook & what's up for friends..Ganeshji puja

Ba GANESH CHATURTHI SHAYARI IMAGES FOR FRIENDS Aapka or khushiyo ka janam janam ka sath ho Aap ki tarakki ki har kisi ki zuban par baat ho, Jab bhi koyi mushkil aaye, My friend Ganesha humesha aap ke saath ho. Happy Ganesh Chaturthi _.-^-._ @(~?~)@ (,)( % )(,) ======= “वक्रतुण्ड महाकाय सुर्यकोटि समप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा” Vakra-Tunndda Maha-Kaaya Surya-Kotti Samaprabha Nirvighnam Kuru Me Deva Sarva-Kaaryessu Sarvadaa Ganesh ki jyoti se noor milta hai Sabke dilon ko surur milta haim Jo bhi jata hai Ganesh ke dwaar Kuch na kuch unhe jarur milta h Ganpati Bappa Morya Bakthi Ganapathi… Sakthi Ganapathi… Siddhi Ganapathi… Lakshmi Ganapathi… Maha Ganapathi… May this Ganesh Chaturthi brings you Bakthi, Shakthi, Siddhi, Laskhmi and Maha samriddhi! Happy Ganesh Chaturthi. Mushikavaahana modaka hastha, Chaamara karna vilambitha sutra, Vaamana rupa maheshwara putra, Vighna vinaayaka paada namasthe Happy Gan

Hanuman ji ki vividh Lilaye.. different activities of Hanuman ji

हनुमान जी की विविध लीलाएं | Different Activities of Shree Hanuman in Hindi! श्री हनुमान जी अनुपम ब्रह्मचारी, सनातन, चिरंजीवी और श्रीराम की कल्याणकारी कथा श्रवण के सर्वश्रेष्ठ रसिक और गायक हैं । जहां कहीं भी श्रीराम की कथा होती है, वहां वे छद्मरूप में विद्यमान रहते हैं । श्रीराम ने ही परमधाम जाते समय उन्हें चिरंजीवी होने का वरदान दिया था । एक सेवक के रूप में स्वयं भगवान शंकर ने हनुमान जी के रूप में अवतार लिया था । स्वामीभक्ति, त्याग, ज्ञान गरिमा, अहंकार विहीनता और वाणी में अद्‌भुत चातुर्य लिए हुए वे इस धरती पर निवास करते हैं । श्री सीता राम के सान्निध्य में श्री हनुमान जी सदा उनकी सेवा का सुख प्राप्त करते हैं । श्री हनुमान जी महामनस्जी हैं । वे मन, वचन, कर्म से पूर्ण पवित्र और शक्तिशाली हैं । पराक्रम, उत्साह, बुद्धि, प्रताप, विनम्रता, कोमलता, साहस, बल और धैर्य उनके अनुपम गुण हैं । भीमसेन और हनुमान जी : द्वापर युग में हनुमान जी ने पाण्डव पुत्र भीमसेन को अपने रौद्ररूप के दर्शन कराए थे । जिन दिनों पाण्डव वनवास में थे, तब एक बार उत्तराखण्ड के पवित्र नगर श्री नर नारायण में वे पहुंच

Hanuman ji ki vividh Lilaye.....Hanuman ji different activities

हनुमान जी की विविध लीलाएं | Different Activities of Shree Hanuman in Hindi! श्री हनुमान जी अनुपम ब्रह्मचारी, सनातन, चिरंजीवी और श्रीराम की कल्याणकारी कथा श्रवण के सर्वश्रेष्ठ रसिक और गायक हैं । जहां कहीं भी श्रीराम की कथा होती है, वहां वे छद्मरूप में विद्यमान रहते हैं । श्रीराम ने ही परमधाम जाते समय उन्हें चिरंजीवी होने का वरदान दिया था । एक सेवक के रूप में स्वयं भगवान शंकर ने हनुमान जी के रूप में अवतार लिया था । स्वामीभक्ति, त्याग, ज्ञान गरिमा, अहंकार विहीनता और वाणी में अद्‌भुत चातुर्य लिए हुए वे इस धरती पर निवास करते हैं । श्री सीता राम के सान्निध्य में श्री हनुमान जी सदा उनकी सेवा का सुख प्राप्त करते हैं । श्री हनुमान जी महामनस्जी हैं । वे मन, वचन, कर्म से पूर्ण पवित्र और शक्तिशाली हैं । पराक्रम, उत्साह, बुद्धि, प्रताप, विनम्रता, कोमलता, साहस, बल और धैर्य उनके अनुपम गुण हैं । भीमसेन और हनुमान जी : द्वापर युग में हनुमान जी ने पाण्डव पुत्र भीमसेन को अपने रौद्ररूप के दर्शन कराए थे । जिन दिनों पाण्डव वनवास में थे, तब एक बार उत्तराखण्ड के पवित्र नगर श्री नर नारायण में वे पहुंच