हनुमान जयंती अमृतयोग में मनेगी पवनपुत्र हनुमान का जन्मोत्सव इस बार अमृतयोग में मनाया जाएगा। शुक्रवार 6 अप्रैल को हस्त नक्षत्र होने से यह योग निर्मित हो रहा है। मारुतिनंदन को चोला चढ़ाने से जहां सकारात्मक ऊर्जा मिलती है वहीं बाधाओं से मुक्ति भी मिलती है। हनुमानजी को भक्ति और शक्ति का बेजोड़ संगम बताया गया है। पंडितों और ज्योतिषियों के अनुसार चैत्र माह की पूर्णिमा पर भगवान राम की सेवा के उद्देश्य से भगवान शंकर के ग्यारहवें रुद्र ने अंजना के घर हनुमान के रूप में जन्म लिया था। पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए शनि को शांत करना चाहिए। जब हनुमानजी ने शनिदेव का घमंड तोड़ा था तब सूर्यपुत्र शनिदेव ने हनुमानजी को वचन दिया है कि उनकी भक्ति करने वालों की राशि पर आकर भी वे कभी उन्हें पीड़ा नहीं देंगे। कन्या, तुला, वृश्चिक और अढैया शनि वाले तथा कर्क, मीन राशि के जातकों को हनुमान जयंती पर विशेष आराधना करनी चाहिए। अष्टचिरंजीवी में शुमार : उज्जैन के ज्योतिषी आनंदशंकर व्यास कहते हैं कि हनुमानजी का शुमार अष्टचिरंजीवी में किया जाता है, यानी व
हनुमान जयंती अमृतयोग में मनेगी पवनपुत्र हनुमान का जन्मोत्सव इस बार अमृतयोग में मनाया जाएगा। शुक्रवार 6 अप्रैल को हस्त नक्षत्र होने से यह योग निर्मित हो रहा है। मारुतिनंदन को चोला चढ़ाने से जहां सकारात्मक ऊर्जा मिलती है वहीं बाधाओं से मुक्ति भी मिलती है। हनुमानजी को भक्ति और शक्ति का बेजोड़ संगम बताया गया है। पंडितों और ज्योतिषियों के अनुसार चैत्र माह की पूर्णिमा पर भगवान राम की सेवा के उद्देश्य से भगवान शंकर के ग्यारहवें रुद्र ने अंजना के घर हनुमान के रूप में जन्म लिया था। पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए शनि को शांत करना चाहिए। जब हनुमानजी ने शनिदेव का घमंड तोड़ा था तब सूर्यपुत्र शनिदेव ने हनुमानजी को वचन दिया है कि उनकी भक्ति करने वालों की राशि पर आकर भी वे कभी उन्हें पीड़ा नहीं देंगे। कन्या, तुला, वृश्चिक और अढैया शनि वाले तथा कर्क, मीन राशि के जातकों को हनुमान जयंती पर विशेष आराधना करनी चाहिए। अष्टचिरंजीवी में शुमार : उज्जैन के ज्योतिषी आनंदशंकर व्यास कहते हैं कि हनुमानजी का शुमार अष्टचिरंजीवी में किया जाता है, यानी वे अजर-